Following is collected from Whatsapp group admin by Dr Darsan Bangla in group named as Dadi ke Nuskhe.....
_अगर हो जाये पेट दर्द तो ऐसे करे दूर, घरेलू नुस्खे है आप आजमाए जरूर_*
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*पेट दर्द के घरेलू उपचार*
पेट में दर्द होना एक आम समस्या है ,जिससे लगभग सभी व्यक्तियों को जीवन में बार बार सामना करना पड़ता है | इनके कई अलग अलग काऱण हो सकते है । पेट दर्द के मुख्य कारण कब्ज का होना, ज्यादा गैस बनना, अपच, विषाक्त भोजन सेवन करना आदि सकता हैं।यहाँ पर हम कुछ आसान से उपाय बता रहे है जिसको करके आप पेट दर्द में आराम प्राप्त कर सकते है ।
अजवाईन को गरम पानी के साथ लेने पर पेट के दर्द में आराम मिलता है।
पेट दर्द मे हींग बहुत ही लाभकारी है। 5 ग्राम हींग थोडे पानी में पीसकर पेस्ट बनाएं। इसे नाभी पर और उसके आस पास लगायें फिर क़ुछ देर लेटे रहें। इससे पेट की गैस निकल जायेगी और दर्द में राहत मिलेगी ।
जीरा पेट दर्द मे बहुत ही लाभदायक है । जीरा को तवे पर भून ले । 2-3 ग्राम की मात्रा गरम पानी के साथ दिन मे 3-4 बार लें या वैसे ही चबाकर खाये शीघ्र लाभ प्राप्त होता है।
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10 ग्राम तुलसी का रस पीने से पेट की मरोड़ व दर्द जल्दी ही ठीक होता है।
त्रिफला का 100 ग्राम चूर्ण में 75 ग्राम चीनी मिलालें इस चुर्ण का 5 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 -3 बार पानी के साथ सेवन करें। इससे पेट की सभी बीमारियां समाप्त होती हैं।
सूखा अदरक को मुहं मे चूसने से पेट दर्द में तुरन्त राहत मिलती है।
पेट दर्द में पानी में थोडा सा मीठा सोडा डालकर पीने से फ़ायदा होता है।
बिना दूध की चाय पीने से भी पेट दर्द में आराम मेहसूस होता हैं।
अजवाईन तवे पर भून लें। इसको काला नमक के साथ मिलाकर 2-3 ग्राम गरम पानी के साथ दिन में 3 बार लेने से पेट के दर्द में शीघ्र आराम मिलता है।
एक चम्मच अदरक के रस में 2 चम्मच नींबू का रस और थोडी सी चीनी मिलाकर दिन मे 3 बार लेने से भी पेट दर्द में आराम मिलता है।
किसी भी पेट दर्द में केला खाना लाभकारी होता है। केला एक पोषक आहार होता है। केले का सेवन से पेट दर्द में शीघ्र आराम मिलता है।
नींबू के रस में काला नमक, जीरा, अजवायन चूर्ण मिलाकर दिन में तीन चार बार लेने से पेट दर्द से आराम मिलता है।
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हरा धनिया का रस एक चम्मच शुद्ध घी मे मिलाकर लेने से पेट के दर्द में शीघ्र आराम मिलता है।
अनार पेट दर्द मे बहुत लाभदायक माना गया है। अनार के बीज थोडी मात्रा में नमक और काली मिर्च के साथ दिन में दो तीन बार लें।
मूली की चटनी, अचार, सब्जी या मूली पर नमक, काली मिर्च डालकर खाने से पेट के सभी रोग दूर होते है।
चौलाई की सब्जी बनाकर खाने से पेट की सभी बीमारियां समाप्त होती है।
सौंठ का 1 चम्मच चूर्ण और सेंधा नमक को एक गिलास पानी में गर्म करके पीने से पेट दर्द खत्म हो जाता है।
इसबगोल को दूध के साथ रात को सोते वक्त लेते रहने से पेट के दर्द में आराम मिलता है ।
प्याज को आग में गर्म करके रस निकाल लें और इस रस में नमक मिलाकर पीएं। इससे भी पेट का दर्द ठीक हो जाता है।
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दो चम्मच ग्राम सौंफ़ रात भर एक गिलास पानी में गलाएं इसे सुबह खाली पेट छानकर पीयें पेंट दर्द मे आराम मिलता है ।
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*_चना : दाल या बेसन ही नही अपितु कई रोगों के उपचार की गुणवान औषधि भी है_*
आयुर्वेद में चने की दाल और चने को शरीर के लिए स्वास्थवर्धक बताया गया है। चने के सेवने से कई रोग ठीक हो जाते हैं। क्योंकि इसमें प्रोटीन, नमी, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कैल्शियम और विटामिन्स पाये जाते हैं। स्वास्थ्य के लिए भी यह दूसरी दालों से पौष्टिक आहार है। चना शरीर को बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाता है। साथ ही यह दिमाग को तेज और चेहरे को सुंदर बनाता है। चने के सबसे अधिक फायदे इन्हे अंकुरित करके खाने से होते है।
*1- सुबह खाली पेट चने से मिलते है कई फायदे :*
शरीर को सबसे ज्यादा पोषण काले चनों से मिलता है। काले चने अंकुरित होने चाहिए। क्योंकि इन अंकुरित चनों में सारे विटामिन्स और क्लोरोफिल के साथ फास्फोरस आदि मिनरल्स होते हैं जिन्हें खाने से शरीर को कोई बीमारी नहीं लगती है। काले चनों को रातभर भिगोकर रख लें और हर दिन सुबह दो मुट्ठी खाएं। कुछ ही दिनों में र्फक दिखने लगेगा।
*2- भीगे चने से लाभ :*
रातभर भिगे हुए चनों से पानी को अलग कर उसमें अदरक, जीरा और नमक को मिक्स कर खाने से कब्ज और पेट दर्द से राहत मिलती है।
*3- अंकुरित चना :*
शरीर की ताकत बढ़ाने के लिए अंकुरित चनों में नींबू, अदरक के टुकड़े, हल्का नमक और काली मिर्च डालकर सुबह नाश्ते में खाएं। आपको पूरे दिन की एनर्जी मिलेगी।
*4- चने का सत्तू :*
चने का सत्तू भी स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त लाभकारी औषघि है। शरीर की क्षमता और शक्ति को बढ़ाने के लिए गर्मीयों में आप चने के सत्तू में नींबू और नमक मिलकार पी सकते हैं। यह भूख को भी शांत रखता है।
*5.पथरी की समस्या में चना :*
पथरी की समस्या अब आम हो गई है। दूषित पानी और दूषित खाना खाने से पथरी की समस्या बढ़ रही है। गाल ब्लैडर और किड़नी में पथरी की समस्या सबसे अधिक हो रही है। एैसे में रातभर भिगोए चनों में थोड़ा शहद मिलाकर रोज सेवन करें। नियमित इन चनों का सेवन करने से पथरी आसानी से निकल जाती है। इसके अलावा आप आटे और चने का सत्तू को मिलाकर बनी रोटियां भी खा सकते हो।
*6.शरीर की गंदगी साफ करना :*
काला चना शरीर के अंदर की गंदगी को अच्छे से साफ करता है। जिससे डायबिटीज, एनीमिया आदि की परेशानियां दूर होती हैं। और यह बुखार आदि में भी लाभ देता है।
*7. डायबिटीज के रोगियों के लिए :*
चना ताकतवर होता है। यह शरीर में ज्यादा मात्रा में ग्लूकोज को कम करता है जिससे डायबिटीज के मरीजों को फायदा मिलता है। इसलिए अंकुरित चनों को सेवन डायबिटीज के रोगियों को सुबह-सुबह करना चाहिए
*8. मूत्र संबंधी रोग :*
मूत्र से संबंधित किसी भी रोग में भुने हुए चनों का सवेन करना चाहिए। इससे बार-बार मूत्र आने की दिक्कत दूर होती है। भुने हुए चनों में गुड मिलाकर खाने से यूरीन की किसी भी तरह समस्या में राहत मिलती है।
*9. पौरुष शक्ति के लिये :*
अधिक काम और तनाव की वजह से पुरूषों में कमजोरी होने लगती है। एैसे में अंकुरित चना किसी वरदान से कम नहीं है। पुरूषों को अंकुरित चनों को चबा-चबाकर खाने से कई फायदे मिलते हैं। इससे पुरूषों की कमजोरी दूर होती है। भीगे हुए चनों के पानी के साथ शहद मिलाकर पीने से पौरूषत्व बढ़ता है। और नपुंसकता दूर होती है।
*10. पीलिया के रोग में :*
पीलिया की बीमारी में चने की 100 ग्राम दाल में दो गिलास पानी डालकर अच्छे से चनों को कुछ घंटों के लिए भिगो लें और दाल से पानी को अलग कर लें अब उस दाल में 100 ग्राम गुड़ मिलाकर 4 से 5 दिन तक रोगी को देते रहें। पीलिया से लाभ जरूरी मिलेगा। पीलिया रोग में रोगी को चने की दाल का सेवन करना चाहिए।
*11. कुष्ठ रोग में चना :*
कुष्ठ रोग से ग्रसित इंसान यदि तीन साल तक अंकुरित चने खाएं। तो वह पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
*12. गर्भावस्था :*
गर्भवती महिला को यदि मितली या उल्टी की समस्या बार-बार होती हो। तो उसे चने का सत्तू पिलाना चाहिए।
*13. अस्थमा रोग में :* अस्थमा से पीडि़त इंसान को चने के आटे का हलवा खाना चाहिए। इस उपाय से अस्थमा रोग ठीक होता है।
*14. त्वचा की समस्या में :*
चने के आटे का नियमित रूप से सेवन करने से थोड़े ही दिनों में खाज, खुजली और दाद जैसी त्वचा से संबंधित रोग ठीक हो जाते हैं।
*15. पुरानी कफ़ :*
लंबे समय से चली आ रही कफ की समस्या में भुने हुए चनों को रात में सोते समय अच्छे से चबाकर खाएं और इसके बाद दूध पी लें। यह कफ और सांस की नली से संबंधित रोगों को ठीक कर देता है।
*16. चेहरे की चमक के लिए चना :*
चेहरे की रंगत को बढ़ाने के लिए नियमित अंकुरित चनों का सेवन करना चाहिए। साथ ही आप चने का फेस पैक भी घर पर बनाकर इस्तेमाल कर सकेत हो। चने के आटे में हल्दी मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा मुलायम होती है। महिलाओं को हफ्ते में कम से कम एक बार चना और गुड जरूर खाना चाहिए।
*17. दाद खाज और खुजली :*
एक महीने तक चने के आटे की रोटी का सेवन करने से त्वचा की बीमारियां जैसे खुजली, दाद और खाज खत्म हो जाती हैं
*18. धातु पुष्ट :* दस ग्राम शक्कर और दस ग्राम चने की भीगी हुई दाल को मिलाकर कम से कम एक महीने तक खाने से धातु पुष्ट होती है।
चने को अपने भोजन में सम्मिलित करें। यह किसी औषधि से कम नहीं है।
अंकुरित चनों का प्रयोग प्रतिदिन किया जा सकता है।
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*_दमा : एक खतरनाक रोग, जानिए दमा को नियंत्रित करने के उपचार और निदान के उपाय_*
दमा बहुत कष्ट देने वाली बीमारी है। यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। दमा में सांस लेने वा निकालने में परेशानी होती है। खांसी की त्रीवता और साँस की नली में कफ़ जमा हो जाने से तकलीफ़ और भी ज्यादा बढ जाती है। दमा का अटैक पड़ने पर रोगी बुरी तरह हांफ़ने लगता है। दमा होने पर खांसी, नाक का बजना, छाती का कड़ा हो जाना, सुबह और रात में सांस लेने में तकलीफ होने जैसे लक्षण होते हैं।समान्यता दमा, एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों ,धूम्रपान करने से, ज्यादा सर्द गर्म मौसम, सुगन्धित पदार्थों, ज्यादा कसरत करने और मानसिक तनाव की वजह से काफी तकलीफ देता है।दमा को पूरी तरह से ठीक करना मुश्किल है, लेकिन इस पर नियंत्रण हो सकता है, ताकि व्यक्ति सामान्य जीवन जी सके।
*दमा से बचाव और उसके घरेलु उपचार*
* 100 ग्राम दूध में लहसुन की पांच कलियां धीमी आँच पर उबाकर इस का हर रोज दिन में दो बार सेवन करने से दमे में काफी फायदा मिलता है।
* तुलसी के 10-15 पत्ते पानी से साफ़ कर लें फ़िर उन पर काली मिर्च का पावडर बुरककर खाने से दमा मे आराम मिलता है।
* एक पके केले में चाकू से लम्बाई में चीरा लगाकर उसमें एक चौथाई छोटा चम्मच महीन पीसी काली मिर्च भर दें। फिर उसे 2-3 घंटे बाद हल्की आँच में छिलके सहित भून लें। ठंडा होने पर केले का छिलका निकालकर केला खा लें। एक माह में ही दमें में खूब लाभ होगा।
* लहसुन की दो पिसी कलियां और अदरक की गरम चाय पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है। इस चाय का सेवन सबेरे और शाम करना चाहिए।
* 4-5 लौंग को 150 पानी में 5 मिनट तक उबालें। इस मिश्रण को छानकर इसमें एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर गरम-गरम पी लें। रोज दो से तीन बार यह काढ़ा पीने से निश्चित रूप से लाभ मिलता है।
* 250 ग्राम पानी में मुट्ठीभर सहजन की पत्तियां मिलाकर उसे 5 मिनट तक उबालें। फिर ठंडा होने पर उसमें चुटकी भर नमक, कालीमिर्च और नीबू रस मिलाएं, इस सूप का रोज़ सेवन करें लाभ मिलेगा।
* एक चम्मच मैथीदाना को एक कप पानी में उबालें। ठंडा होने पर उसमें अदरक का एक चम्मच ताजा रस और स्वादानुसार शहद मिलाएं। सबेरे-शाम नियमित रूप से इसका सेवन करने से निश्चित ही बहुत लाभ मिलता है।
* एक चम्मच हल्दी को दो चम्मच शहद में मिलाकर चाट लें दमा का दौरा तुरंत काबू में आ जायेगा।
* तुलसी के पत्तों को पानी में पीसकर इसमें दो चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से दमा रोग में शीघ्र ही लाभ मिलता है।
* दमें में खाँसी होने पर पहाडी नमक सरसों के तेल मे मिलाकर छाती पर मालिश करने से तुरंत आराम मिलता है।
* एक चम्मच हल्दी एक गिलास गर्म दूध में मिलाकर पीने से दमा काबू मे रहता है। हल्दी के एन्टीऑक्सीडेंट गुण के कारण एलर्जी भी नियंत्रण में रहती है।
* सूखे अंजीर 4 - 5 पीस रात भर पानी मे भिगोकर सुबह खाली पेट खाएं। इससे श्वास नली में जमा बलगम ढीला होकर बाहर निकलता है, स्थाई रूप से आराम प्राप्त होता है ।
* आंवला दमा रोग में बहुत लाभदायक है। एक चम्मच आंवला रस मे दो चम्मच शहद मिलाकर पीने से फ़ेफ़डे ताकतवर बनते हैं।
* खांसी होने पर शहद को सूँघे, लाभ होगा । यह एक अच्छा देसी इन्हेलर है।
-By Dr Darsan Bangla