Thursday, July 3, 2014

Benefits of हरी मिर्च And बैंगन (BRINJAL)- Aur तोरई -

तोरई -

तोरई से हम सब अच्छी तरह से परिचित हैं| यह एक प्रकार की सब्जी है और इसकी खेती भारत में सभी स्थानों पर की जाती है | इसकी प्रकृति ठंडी व तर होती है | ग्रीष्म और वर्षा ऋतू में तोरई की सब्जी का प्रयोग में अधिक किया जाता है |
विभिन्न रोगों का तोरई से उपचार -
१- तोरई के टुकड़ों को छाया में सुखाकर कूट लें | इसके बाद इन टुकड़ों को नारियल के तेल में चार दिन तक डालकर रखें | फिर इसे उबालें और छानकर बोतल में भर लें | इस तेल से सिर की मालिश करने से बाल काले हो जाते हैं |
२- तोरई के पत्तों को पीस लें | यह लेप कुष्ठ पर लगाने से लाभ मिलता है |
३- तोरई की सब्जी के सेवन से कब्ज दूर होती है और बवासीर में आराम मिलता है |
४- तोरई पेशाब की जलन और पेशाब की बिमारी दूर करने में लाभकारी है |
५- तोरई की जड़ को ठन्डे पानी में घिसकर फोड़े की गाँठ पर लगाने से जल्दी ही गाँठ ख़त्म होने लगती है |
६- तोरई के सेवन से घुटनों के दर्द में आराम मिलता है |

बैंगन (BRINJAL)-
बैंगन विश्व के सभी उष्ण क्षेत्रों में पाया जाता है तथा भारत में विस्तृत रूप से शाक के रूप में इसकी खेती की जाती है | फल के आका
र तथा रंग के भेद से यह कई प्रकार का होता है | इसका पुष्पकाल एवं फलकाल कृषि अवस्था के ३-४ माह बाद होता है | 


इसके बीजों में ल्यूपोल,मेलोंगोसाईड नामक ग्लाइकोसाइड तथा सैपोनिन पाया जाता है | इसके फल में सोलासोडिन,वसा,प्रोटीन, विटामिन A ,B ,C,कैल्शियम,फॉस्फोरस,कार्बोहाइड्रेट तथा सोलनिन पाया जाता है |
बैंगन के कुछ औषधीय प्रयोग -

१- बैंगन की सब्जी में लहसुन और हींग का छौंक लगाकर खाने से अफारा,गैस आदि दूर हो जाती है |

२- बैंगन को धीमी आग पर पकाकर खाने से कब्ज दूर हो जाती है |

३- बैंगन को जलाकर पीसकर कपड़े से छान लें | इसे बवासीर के मस्सों पर लगाने से दर्द में लाभ होता है |

४- बैंगन और टमाटर का सूप पीने से मंदाग्नि मिटती है और खाना सही से पचने लगता है |

५- लम्बा बैंगन श्रेष्ठ होता है,यह पाचनशक्ति और खून को बढ़ाता है |



हरी मिर्च

हरी मिर्च लगभग पूरे भारतवर्ष में पाई जाती है | यह कई किस्मों में होती है , इसका पौधा छोटा-सा होता है | हरी मिर्च का स्वाद तीखा होता है और इसकी प्रकृति गर्म होती है | हरी मिर्च का नाम सुनते ही कुछ लोगों को उस का तीखापन याद करके पसीने आ जाते है तो कुछ के मुंह में पानी
हरी मिर्च को यदि तरीके से खाया जाए अर्थात उचित मात्र में खाया जाये तो वो औषधि का भी काम करती है आइये जानते है कैसे

गर्मी के दिनों में यदि हम भोजन के साथ हरी मिर्च खाएं और फिर घर से बाहर जाएँ तो कभी भी लू नहीं लग सकती |

खून में हेमोग्लोबिन की कमी होने पर रोजाना खाने के साथ हरी मिर्च खाए कुछ ही दिन में आराम मिल जायेगा |

मिर्च में अमीनो एसिड, एस्कार्बिक एसिड, फोलिक एसिड, सिट्रीक एसिड, ग्लीसरिक एसिड, मैलिक एसिड जैसे कई तत्व होते है जो हमारे स्वास्थ के साथ – साथ शरीर की त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद होता है

मिर्च के सेवन से भूख कम लगती है और बार बार खाने की इच्छा नहीं होती जिससे वजन बढ़ने का खतरा कम हो जाता है।




हरी मिर्च 


BY   Poojya Acharya Bal Krishan Ji Maharaj




पुदीना -

गर्मी में पुदीना खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। ये एक बहुत अच्छी औषधि भी है साथ ही इसका सबसे बड़ा गुण यह है कि पुदीने का पौधा कहीं भी किसी भी जमीन, यहां तक कि गमले में भी आसानी से उग जाता है। यह गर्मी झेलने की शक्ति रखता है। इसे किसी भी उर्वरक की आवश्यकता नहीं पडती है।

 थोड़ी सी मिट्टी और पानी इसके विकास के लिए पर्याप्त है। पुदीना को किसी भी समय उगाया जा सकता है। इसकी ...पत्तियों को ताजा तथा सुखाकर प्रयोग में लाया जा सकता है।

- हरा पुदीना पीसकर उसमें नींबू के रस की दो-तीन बूँद डालकर चेहरे पर लेप करें। कुछ देर बाद चेहरा ठंडे पानी से धो लें। कुछ दिनों के प्रयोग से मुँहासे दूर हो जाएँगे तथा चेहरा निखर जाएगा।

-अधिक गर्मी या उमस के मौसम में जी मिचलाए तो एक चम्मच सूखे पुदीने की पत्तियों का चूर्ण और -आधी छोटी इलायची के चूर्ण को एक गिलास पानी में उबालकर पीने से लाभ होता है।

- पेट में अचानक दर्द उठता हो तो अदरक और पुदीने के रस में थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर सेवन करे।



L

No comments:

Post a Comment