CLEAN YOUR KIDNEYS
Years pass by and our kidneys are filtering the blood by removing salt, poison and any unwanted entering our body. With time, the salt accumulates and this needs to undergo cleaning treatments and how are we going to overcome this?
It is very easy, first take a bunch of parsley or Cilantro ( Coriander Leaves ) and wash it clean
Then cut it in small pieces and put it in a pot and pour clean water and boil it for ten minutes and let it cool down and then filter it and pour in a clean bottle and keep it inside refrigerator to cool.
Then cut it in small pieces and put it in a pot and pour clean water and boil it for ten minutes and let it cool down and then filter it and pour in a clean bottle and keep it inside refrigerator to cool.
Drink one glass daily and you will notice all salt and other accumulated poison coming out of your kidney by urination also you will be able to notice the difference which you never felt before.
Parsley (Cilantro) is known as best cleaning treatment for kidneys and it is natural!
Poojya Acharya Bal Krishan Ji Maharaj writes on facebook
टिंडा (डिण्डिश )-
समस्त भारत में पंजाब,उत्तर प्रदेश ,राजस्थान एवं महाराष्ट्र में सब्जी के रूप में इसकी खेती की जाती है | आयुर्वेदीय प्राचीन ग्रंथों में इसका उल्लेख प्राप्त नहीं होता | इसके फलों में प्रोटीन,वासा,खनिज द्रव्य तथा कार्बोहायड्रेट पाया जाता है | आईये जानते हैं टिंडे के कुछ औषधीय गुणों के बारे में -
समस्त भारत में पंजाब,उत्तर प्रदेश ,राजस्थान एवं महाराष्ट्र में सब्जी के रूप में इसकी खेती की जाती है | आयुर्वेदीय प्राचीन ग्रंथों में इसका उल्लेख प्राप्त नहीं होता | इसके फलों में प्रोटीन,वासा,खनिज द्रव्य तथा कार्बोहायड्रेट पाया जाता है | आईये जानते हैं टिंडे के कुछ औषधीय गुणों के बारे में -
१- टिंडे के डण्ठल की सब्जी बनाकर खाने से कब्ज में लाभ होता है |
२- टिंडे की सब्जी बनाकर सेवन करने से मूत्रदाह तथा मूत्राशय शोथ का शमन होता है |
३- टिंडे का रस निकालकर मिश्री मिलाकर पीने से प्रदर तथा प्रमेह में लाभ होता है |
४- टिंडे को पीसकर लगाने से आमवात में लाभ होता है |
५- टिंडे के बीज तथा पत्तों को पीसकर सूजन पर लगाने से सूजन मिटती है |
६- पके हुए टिंडे के बीजों को निकालकर मेवे के रूप में सेवन करने से यह पौष्टिक तथा बलकारक होता है |
नारियल [Coconut ]
यह मूल रूप से प्रशांत महासागरीय द्वीप एवं म्यांमार , श्रीलंका एवं अन्य उष्णकटिबंधीय समुद्रतटवर्ती प्रदेशों में पाया जाता है | भारत में यह विशेषतः केरल , उड़ीसा , पश्चिम बंगाल , महाराष्ट्र , गुजरात एवं दक्षिण भारत में सर्वत्र पाया जाता है | जिस प्रकार देवताओं में श्री गणेश जी प्रथम प्रतिष्ठित किए गए हैं , ठीक उसी प्रकार फलों में नारियल का स्थान है | आठ यह श्रीफल कहलाता है | इसका पुष्पकाल एवं फलकाल वर्षपर्यंत तक होता है |
नारियल के पेड़ समुद्र के किनारे पर उगते हैं | लगभग ७ से ८ साल बाद इस पर फल लगते हैं | नारियल का फल और पानी खाने-पीने में शीतल होता है । नारियल में कार्बोहाइड्रेट और खनिज क्षार काफी मात्रा में पाया जाता है | इसमें विटामिन और अनेक लाभदायक तत्व मिलते हैं | नारियल के पानी में मैग्नीशियम और कैल्शियम भी होता है | सूखे नारियल में इन तत्वों की मात्रा कम होती है |
विभिन्न रोगों में नारियल से उपचार ----
१- नारियल-पानी पीने से उलटी आना और अधिक प्यास लगना कम हो जाता है |
२- नारियल के पानी में नमक डालकर पीने से पेट के दर्द में आराम मिलता है |
३-नारियल के तेल की सिर में मालिश करने से बालों का गिरना बंद हो जाता है |
४-प्रतिदिन नारियल पानी चेहरे पर लगाने से चेहरे के कील- मुँहासे , दाग- धब्बे और चेचक के निशान दूर हो जाते हैं |
५ -सूखे नारियल को घिसकर बुरादा बना लें , फिर एक कप पानी में एक चौथाई कप बुरादा भिगो दें | दो घंटे बाद इसे छानकर नारियल का बुरादा निकालकर पीस लें | इसकी चटनी-सी बनाकर भिगोए हुए पानी में घोलकर पी जाएँ | इस प्रकार इसे प्रतिदिन तीन बार पीने से खांसी , फेफड़ों के रोगऔर टी.बी. में लाभ होता है।|
६- नारियल के तेल और कपूर को मिलाकर एग्ज़िमा वाले स्थान पर लगाने से लाभ मिलता है |
७- शरीर के किसी भाग के जलने पर प्रतिदिन उस स्थान पर नारियल का तेल लगाने से जलन भी शांत होती है तथा निशान भी नहीं पड़ता है |
नारियल के पेड़ समुद्र के किनारे पर उगते हैं | लगभग ७ से ८ साल बाद इस पर फल लगते हैं | नारियल का फल और पानी खाने-पीने में शीतल होता है । नारियल में कार्बोहाइड्रेट और खनिज क्षार काफी मात्रा में पाया जाता है | इसमें विटामिन और अनेक लाभदायक तत्व मिलते हैं | नारियल के पानी में मैग्नीशियम और कैल्शियम भी होता है | सूखे नारियल में इन तत्वों की मात्रा कम होती है |
विभिन्न रोगों में नारियल से उपचार ----
१- नारियल-पानी पीने से उलटी आना और अधिक प्यास लगना कम हो जाता है |
२- नारियल के पानी में नमक डालकर पीने से पेट के दर्द में आराम मिलता है |
३-नारियल के तेल की सिर में मालिश करने से बालों का गिरना बंद हो जाता है |
४-प्रतिदिन नारियल पानी चेहरे पर लगाने से चेहरे के कील- मुँहासे , दाग- धब्बे और चेचक के निशान दूर हो जाते हैं |
५ -सूखे नारियल को घिसकर बुरादा बना लें , फिर एक कप पानी में एक चौथाई कप बुरादा भिगो दें | दो घंटे बाद इसे छानकर नारियल का बुरादा निकालकर पीस लें | इसकी चटनी-सी बनाकर भिगोए हुए पानी में घोलकर पी जाएँ | इस प्रकार इसे प्रतिदिन तीन बार पीने से खांसी , फेफड़ों के रोगऔर टी.बी. में लाभ होता है।|
६- नारियल के तेल और कपूर को मिलाकर एग्ज़िमा वाले स्थान पर लगाने से लाभ मिलता है |
७- शरीर के किसी भाग के जलने पर प्रतिदिन उस स्थान पर नारियल का तेल लगाने से जलन भी शांत होती है तथा निशान भी नहीं पड़ता है |
हींग (ASAFOETIDA )-
हींग का उपयोग आमतौर पर दाल-सब्जी में छौंक लगाने के लिए किया जाता है इसलिए इसे 'बघारनी 'के नाम जाना जाता है । यह भारत के उत्तर पश्चिमी राज्यों से कश्मीर एवं पंजाब में पायी जाती है | हींग आहार में रूचि उत्पन्न करके प्रदीप्त करती है |
हींग एक गुणकारी औषधि है | यह हलकी,गर्म और पाचक है | आईये जानते हैं हींग के औषधीय गुणों के विषय में -
हींग का उपयोग आमतौर पर दाल-सब्जी में छौंक लगाने के लिए किया जाता है इसलिए इसे 'बघारनी 'के नाम जाना जाता है । यह भारत के उत्तर पश्चिमी राज्यों से कश्मीर एवं पंजाब में पायी जाती है | हींग आहार में रूचि उत्पन्न करके प्रदीप्त करती है |
हींग एक गुणकारी औषधि है | यह हलकी,गर्म और पाचक है | आईये जानते हैं हींग के औषधीय गुणों के विषय में -
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