*प्राकृतिक चिकित्सा-41*
*मोटापे की सरल प्राकृतिक चिकित्सा*
मोटापा आजकल सबसे अधिक और घर-घर में पायी जाने वाली बीमारी है। मनमाना खाना-पीना, समय-कुसमय पर खाना, देर से खाना, पैदल न चलकर वाहनों में चलना, सीढ़ियों के बजाय लिफ्ट का उपयोग करना और व्यायाम न करना इसके प्रमुख कारण होते हैं। मोटापे से शरीर भले ही भरा-भरा और आकर्षक लगता हो, लेकिन है यह बीमारी ही। मोटापा न केवल स्वयं एक बीमारी है, बल्कि अनेक बीमारियों का घर भी है। मोटे लोगों के बीमार पड़ने की सम्भावना सबसे अधिक होती है और बीमार पड़ जाने पर उनको सँभलने में भी सामान्य व्यक्ति से अधिक समय लग जाता है। मोटे व्यक्तियों को हृदय रोग, डायबिटीज, गठिया, दमा, रक्तचाप आदि बीमारियाँ आम तौर पर हो जाती हैं। इसका कारण यह है कि उनकी अधिकांश शक्ति अपने भारी वजन को खींचने में व्यय हो जाती है। इसलिए यदि आप पूर्ण स्वस्थ रहना चाहते हैं और पूर्ण आयु भोगना चाहते हैं, तो मोटापे से बचना चाहिए और यदि मोटापा आ गया हो, तो अपनी पूर्ण शक्ति से उससे छुटकारा पाने में लग जाना चाहिए।
यह एक भ्रम है कि अधिक खाने से मोटापा आता है। वास्तव में अधिक खाने से नहीं, बल्कि हानिकारक वस्तुएँ अधिक मात्रा में खाने और शारीरिक श्रम न करने से ही मोटापा आता है। इसलिए मोटे व्यक्तियों को प्रोटीन वाले पदार्थ अधिक नहीं खाने चाहिए। मुख्यतः उन्हें चावल, दाल, आलू, मैदा, सूजी, मिठाई आदि का पूर्ण परहेज करना चाहिए। यह परहेज उन हानिकारक वस्तुओं के अतिरिक्त है, जिनकी चर्चा भोजन वाली कड़ियों में की जा चुकी है। इनके स्थान पर सलाद और फलों की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए। यदि रात को सोने से कम से कम तीन घंटे पूर्व भोजन कर लिया जाये, तो मोटापा घटाने में बहुत सहायता मिलती है।
सप्ताह में एक दिन का पूर्ण उपवास मोटापा घटाने में रामवाण है। इसकी सहायक क्रियाओं के रूप में प्रातः एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शुद्ध शहद घोलकर और आधा नीबू का रस निचोड़कर पीना चाहिए और पर्याप्त व्यायाम करना चाहिए। टहलना एक अच्छा व्यायाम है, लेकिन उससे मोटापा बहुत धीरे-धीरे घटता है या घटता ही नहीं। मोटापे से जल्दी छुटकारा पाने के लिए नित्य 7 से 13 तक सूर्य नमस्कार अपनी शक्ति के अनुसार अवश्य करने चाहिए। इसके अलावा यदि पवनमुक्तासन, भुजंगासन, धनुरासन, सर्वांगासन, पश्चिमोत्तानासन, पादवृत्तासन, अर्द्धमत्स्येन्द्रासन, भस्त्रिका प्राणायाम और कपालभाति प्राणायाम का भी अभ्यास किया जाये, तो मोटापे से जल्दी छुटकारा मिलता है। सूर्य नमस्कार, योगासन और प्राणायाम करने की विधियाँ किसी योग के जानकार से सीख लेनी चाहिए।
इन उपायों का पालन करने से किसी भी व्यक्ति का वजन एक माह में दो से तीन किलोग्राम तक सहज में ही कम हो जाता है। इससे अधिक तेजी से वजन घटाने का प्रयास नहीं करना चाहिए, क्योंकि उससे बहुत कमजोरी आती है और शरीर को भी हानि पहुँचती है। वजन घटाने की किसी भी प्रकार की दवा का प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनका शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव होता है। वजन धीरे-धीरे बढ़ता है और उसी प्रकार धीरे-धीरे कम होना ही अच्छा रहता है। एक सीमा से अधिक वजन घटाने का प्रयास कभी नहीं करना चाहिए।
एक बार वजन कम हो जाने के बाद दोबारा मोटापा न आ जाये, इसके लिए ऊपर बताये गये परहेज और उपायों का पालन निरन्तर करते रहना चाहिए।
*-- डाॅ विजय कुमार सिंघल*
प्राकृतिक चिकित्सक एवं योगाचार्य
मो. 9919997596
फाल्गुन कृ 5, सं 2076 वि (13 फरवरी, 2020)
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