Sunday, November 17, 2013

गुणों से मालामाल मूली



ताजी व कोमल मूली, त्रिदोषशामक, जठराग्निवर्धक व उत्तम पाचक है | गर्मियों में इसका सेवन 


लाभकारी है |

 इसका कंद, पत्ते, बीज सभी औषधीय गुणों से सम्पन्न हैं | ताजी व कोमल मूली ही खानी चाहिए 




| पुरानी, सख्त व मोटी मूली त्रिदोषप्रकोपक, भारी एवम रोगकारक होती है |


 इसके १०० ग्राम पत्तों में ३४० मि.ग्रा. कैल्शियम, ११० मि.ग्रा. फास्फोरस व ८.८ मि.ग्रा. लोह तत्त्व 


पाया जाता है |

 प्रचुर मात्रा में निहित ये खनिज तत्त्व दाँत एवं हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और रक्त को बढ़ाते हैं 


| इसके पत्ते सलाद के रूप में 

अथवा सब्ब्जी बनाकर भी खाये जा सकते हैं | पत्तों के रस का भी सेवन किया जाता हैं | इसके 


पत्ते गुर्दे के रोग, मूत्र-संबंधी विकार, 

उच्च रक्तचाप, मोटापा, बवासीर व पाचन-संबंधी गड़बड़ियों में खूब लाभदायी हैं | गर्मी में अधिक



 पसीना आने से शारीर में सोडियम 

की मात्रा कम हो जाती है | मूली में ३३ मि.ग्रा. सोडियम पाया जाता है, अत: मूली खाने से इसकी 


आपूर्ति सहजता से हो जाती है और

 थकान भी मिट जाती है | पत्ते भी हैं फायदेमंद- अक्सर लोग मूली खाकर उसके पत्तों को फेंक देते 


हैं, जबकि पत्तों में भी स्वाद तथा 

काफी मात्र में पोषक तत्व होते हैं। उन्हें भूजी- सब्जियां, पराठों में प्रयोग करें। इसमें पतली-पतली 


फलियां भी आती हैं, जिसे मोंगर 

या मोंगरा के नाम से जाना जाता है। इन फलियों की सब्जियां बहुत स्वादिष्ट बनती हैं। हमेशा 


छोटी, पतली तथा ताजा मूली का ही 

प्रयोग करें। हड्डियों को मजबूती दे- मूली खाने से शरीर की विषैली गैस (कार्बन डाई ऑक्साइड) 


का निष्कासन होता है तथा 

जीवनदायी ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है। मूली खाने से दांत मंसूड़े मजबूत होते हैं, हड्डियों में 


मजबूती आती है। थकान मिटाने और 

नींद लाने में भी मूली सहायक है। पीलिया में फायदेमंद- यह उच्च रक्तचाप, बवासीर की तकलीफ 


में लाभकारी है। इसका रस निकाल 

पीने से मूत्र रोगों में भी लाभ होता है। पीलिया रोग में ताजा मूली का प्रयोग बहुत ही उपयोगी है। 

मोटापा से मुक्ति दिलाए- आज की 

महाबीमारी मोटापा से परेशान हैं तो इसके रस में नींबू व नमक मिला कर नियमित सेवन करें, 


लाभ होगा। सिर में जूं पड़ रही हो तो 

इसका रस पानी में मिला कर धोएं। हीमोग्लोबिन की कमी दूर करे- मूली के रस में सामान मात्र 


में अनार का रस मिला कर पीने से 

हीमोग्लोबिन बढ़ता है। दांतों को चमकाए- इसके खाने से रक्तविकार दूर होते हैं। त्वचा के दाग 


धब्बे हटते हैं। दांतों पर पीलापन हो तो 

मूली के टुकड़े पर नींबू का रस लगाकर दांतों पर धीरे-धीरे मलने से दांत साफ होंगे। इसके अलावा 


मूली को काट कर नींबू लगा कर छोटे 

छोटे टुकड़े दांतों से काट कर धीरे-धीरे चबाएं। थोड़ी देर बाद उगल दें। ऐसा नियमित रूप से करने 


से दांतों पर चढ़ी पीली परतें हट 

जाएंगी। पायरिया से राहत- पायरिया से परेशान लोग मूली के रस से दिन में 2-3 बार कुल्ले करें 


और इसका रस पिएं तो लाभ होगा। 

मूली के रस से कुल्ले करना, मसूड़ों-दांतों पर मलना और पीना दांतों के लिये बहुत लाभकारी है। 


मूली को चबा-चबा कर खाना दांतों व 



मसूड़ों को निरोग करता है। कब्ज से राहत दिलाए- कब्ज से परेशान हैं तो मूली पर नींबू व नमक 


लगा कर सवेरे खाएं, लाभ होगा। 

भोजन में मूली सलाद के रूप में लें तो और लाभ होगा। सुबह-शाम मूली का रस पीने से पुराने 


कब्ज में भी लाभ होता है। इस दौरान 

तला-भूना भोजन न खाएं, बल्कि खिचड़ी, दलिया आदि खाएं। पेट-दर्द में कारगर पेट-दर्द परेशान 


करे तो मूली का रस नींबू मिला कर 

पिएं या मूली का अचार खाएं। मुंह की दुर्गन्ध दूर करे - मुंह से गंध आती हो तो मूली के पत्तों पर 


सेंधा नमक मिला कर सवेरे-सवेरे रोज 

खाएं। दुर्गन्ध नष्ट होगी। चेहरा दमकाए, खूबसूरत बनाएहम सभी खूबसूरत दिखना चाहते हैं लेकिन मुंहासे और झाईयां चेहरे की 


खूबसूरती छीन लेती हैं। अगर आप इससे मुक्ति के लिए काफी प्रयास कर चुके हैं तो इस बार मूली 


को आजमा कर देखें, लाभ होगा। 

मुंहासों के लिए मूली का टुकड़ा गोल काट कर मुंहासों पर लगाएं और तब तक लगाए रखें, जब 


तक यह खुश्क न हो जाए। थोड़ी देर बाद 

चेहरे को ठण्डे पानी से धो लें, काफी लाभ होगा। मुंहासे निकलना खून की खराबी का लक्षण है। 


मूली के सेवन से इस समस्या से मुक्ति मिलती है।

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