Thursday, September 20, 2018

साइनस की सरल प्राकृतिक चिकित्सा

*साइनस की सरल प्राकृतिक चिकित्सा*

साइनस बहुत परेशान करने वाला रोग है। इसमें नाक का एक या दोनों तरफ का माँस बढ जाता है, जिससे पीड़ित व्यक्ति को साँस लेने में भी दिक़्क़त होती है। ऐलोपैथिक डाक्टर इसको ‘नाक की हड्डी बढ़ना’ कहते हैं और अपने धंधे के लिए उसका आपरेशन कर डालते हैं। परंतु उससे अस्थायी राहत ही मिलती है और कुछ समय बाद माँस फिर बढ़ जाता है।

प्राकृतिक चिकित्सा में रबर नेती या सूत्र नेती इसका स्थायी समाधान है। उसके साथ कुछ सहायक क्रियायें और परहेज़ भी करने पड़ते हैं। ऐसा करने से एक-दो माह में इस समस्या से स्थायी मुक्ति मिल जाती है। यहाँ मैं पूरा कार्यक्रम दे रहा हूँ-

१. प्रात: ६ बजे उठते ही एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद और आधा नींबू का रस मिलाकर पियें। फिर ५ मिनट बाद शौच जायें।

२. शौच के बाद गुनगुने पानी से रबर नेती या सूत्र नेती करें। २-२ मिनट से शुरू करके ५-५ मिनट तक दोनों तरफ से नाक में। (किसी योग केन्द्र में जाकर नेती करना सीख लें।)

३. नेती के बाद आधा घंटा टहलें या हल्का व्यायाम करें और किसी पार्क में बैठकर निम्न लिखित क्रियायें करें-
— भस्त्रिका प्राणायाम ३ चक्र से प्रारम्भ करके हर दिन एक चक्र बढ़ाते हुए २१ चक्र तक करें।
— कपालभाति प्राणायाम ५० बार से प्रारम्भ करके हर दिन ५० बढ़ाते हुए ३०० तक पहुँचें।
— अनुलोम-विलोम प्राणायाम ३ चक्र से प्रारम्भ करके हर दिन एक चक्र बढ़ाते हुए ११ चक्र तक पहुँचें।
— भ्रामरी ३ बार से ५ बार तक।
— ॐकार ध्वनि ३ बार

४. ठंडे पानी और ठंडी चीज़ों से बचें। हमेशा सादा या गुनगुना पानी पियें। दिन भर में तीन चार लीटर जल अवश्य पियें।

५. हमेशा नाक से साँस लें। भूलकर भी मुँह से साँस न लें। इसके अभ्यास के लिए मुँह में थोड़ा पानी भरकर १० मिनट तक रोककर रखें।

६. कम से कम दो महीने के लिए दूध और उससे बनी सभी वस्तुओं का सेवन बंद कर दें। चाय भी नहीं।

७. शाम को भी रबर नेती करें। उसके बाद ५ चक्र भस्त्रिका करें।

८. रात को सोते समय एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी से लें।

९. नाक को हमेशा सामान्य तरीके से साफ़ करें। ज्यादा ज़ोर से नहीं।

१०. भोजन शुद्ध सात्विक रखें। उसमें सलाद अवश्य हो। खूब चबा-चबाकर खायें।

पीड़ित व्यक्ति रबर नेती की जगह पर जरा सा सेंधा नमक डालकर गुनगुने पानी से जल नेती भी कर सकते हैं, पर इसमें रबर नेती या सूत्र नेती अधिक प्रभावशाली है। रात्रि को सोते समय गाय का शुद्ध देशी घी दो दो बूँद दोनों नथुनों में टपकाने से भी बहुत लाभ होता है। इसे घृत नेती कहते हैं।

नेती के अलावा अन्य सभी क्रियायें मेरी ‘स्वास्थ्य रहस्य’ पुस्तिका में बतायी गयी हैं। अगर आपके पास यह पुस्तिका न हो, तो मुझे vijaysinghal27@gmail.com पर ईमेल करके मँगा लें।

-- *विजय कुमार सिंघल*
भाद्रपद शु. ११, २०७५ वि. (२० सितम्बर २०१८)

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