Friday, February 8, 2019

शरीर को कर लो Alkaline

*शरीर को कर लो Alkaline*..........

 कोई भी रोग हो चाहे के कैंसर भी Alkaline वातावरण में पनप नहीं सकता – *डॉक्टर Otto Warburg,* नोबेल पुरस्कार विजेता, 1931.

 *“No Disease including cancer, can exist in an alkaline envioronment” Dr. Otto Warburg – Noble Prize Winner 1931*
डायबिटीज, कैंसर, हार्ट, ब्लड प्रेशर, जोड़ों का दर्द, UTI – पेशाब के रोग, Osteoporosis, सोरायसिस, यूरिक एसिड का बढ़ना, गठिया – Gout, थाइरोइड, गैस, बदहजमी, दस्त, हैजा, थकान, किडनी के रोग, पेशाब सम्बंधित रोग, पत्थरी और अन्य कई प्रकार के जटिल रोग। इन सबको सही करने का सबसे सही और सस्ता उपयोग है शरीर को एल्कलाइन कर लेना।

🌿 *पहले तो जानिए पी एच लेवल क्या है?*


इसको समझने के लिए सबसे पहले आपको PH को समझना होगा, हमारे शरीर में अलग अलग तरह के द्रव्य पाए जाते हैं, उन सबकी PH अलग अलग होती है,

 हमारे शरीर की सामान्य *Ph 7.35 से 7.41* तक होती है,

 PH पैमाने में PH 1 से 14 तक होती है, 7 PH न्यूट्रल मानी जाती है, यानी ना एसिडिक और ना ही एल्कलाइन। 7 से 1 की तरफ ये जाती है तो समझो *एसिडिटी* यानी *अम्लता* बढ़ रही है, और 7 से 14 की तरफ जाएगी तो *Alkalinity* यानी *क्षारीयता* बढ़ रही है।

अगर हम अपने शरीर के अन्दर पाए जाने वाले विभिन्न द्रव्यों की PH को Alkaline की तरफ लेकर जाते हैं। तो हम बहुत सारी बीमारियों के मूल कारण को हटा सकते हैं, और उनको हमेशा के लिए Cure कर सकते हैं।

📍 *Cancer and PH – कैंसर*

*उदहारण के तौर पर सभी तरह के कैंसर सिर्फ Acidic Environment में ही पनपते हैं।*
 क्यूंकि कैंसर की कोशिका में शुगर का ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में Fermentation होता है जिससे अंतिम उत्पाद के रूप में लैक्टिक एसिड बनता है और यही लैक्टिक एसिड Acidic Environment पैदा करता है जिस से वहां पर एसिडिटी बढती जाती है और कैंसर की ग्रोथ बढती जाती है। और ये हम सभी जानते हैं के कैंसर होने का मूल कारण यही है के कोशिकाओं में ऑक्सीजन बहुत कम मात्रा में और ना के बराबर पहुँचता है। और वहां पर मौजूद ग्लूकोस लैक्टिक एसिड में बदलना शुरू हो जाता है।

🔺 *Gout and PH – गठिया*

*दूसरा उदहारण है*--  Gout जिसको गठिया भी कहते हैं, इसमें रक्त में *यूरिक एसिड* की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे रक्त एसिडिक होना शुरू हो जाता है, जितना ब्लड अधिक एसिडिक होगा उतना ही यूरिक एसिड उसमे ज्यादा जमा होना शुरू हो जायेगा। अगर हम ऐसी डाइट खाएं जिससे हमारा पेशाब Alkaline हो जाए तो ये बढ़ा हुआ यूरिक एसिड Alkaline Urine में आसानी से बाहर निकल जायेगा।

🔹 *UTI and PH – पेशाब का संक्रमण*

*तीसरा उदहारण है* --  UTI जिसको Urinary tract infection कहते हैं, इसमें मुख्य रोग कारक जो बैक्टीरिया है वो E.Coli है, ये बैक्टीरिया एसिडिक वातावरण में ही ज्यादा पनपता है। इसके अलावा Candida Albicanes नामक फंगस भी एसिडिक वातावरण में ही ज्यादा पनपता है। इसीलिए UTI तभी होते हैं जब पेशाब की PH अधिक एसिडिक हो।

🔸 *Kidney and PH – किडनी*

*चौथी एक और उदाहरण देते हैं*--- किडनी की समस्या मुख्यतः एसिडिक वातावरण में ही होती है, अगर किडनी का PH हम एल्कलाइन कर देंगे तो किडनी से सम्बंधित कोई भी रोग नहीं होगा। मसलन क्रिएटिनिन, यूरिक एसिड, पत्थरी इत्यादि समस्याएँ जो भी किडनी से सम्बंधित हैं वो नहीं होंगी।
*वर्तमान स्थिति*
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आजकल हम जो भी भोजन कर रहें हैं वो *90 प्रतिशत* तक एसिडिक ही है, और फिर हमारा सवाल होता है कि हम सही क्यों नहीं हो रहे ? या फिर कहते हैं कि हमने ढेरों इलाज करवाए मगर आराम अभी तक नहीं आया। बहुत दवा खायी मगर फिर भी आराम नहीं हो रहा। तो उन सबका मुख्यः कारण यही है के उनका PH लेवल कम हो जाना अर्थात एसिडिक हो जाना।

*_आज हम इसी विषय पर बात करेंगे कि कैसे हम अपना PH level बढ़ाएं और इन बिमारियों से मुक्ति पायें।_*

*कैसे बढ़ाएं PH level ? --*

इन सभी Alkaline क्षारीय खाद्य पदार्थो का सेवन नित्य करिये...

*(1)* -- *कच्ची सब्जियां –* विशेषकर लौकी, पालक, चौलाई, हरी अजवायन, गाजर, अदरक, पोदीना, गोभी, पत्ता गोभी, कद्दू, मूली, शिमला मिर्च, खीरा इत्यादि हरी पत्तेदार सब्जियां। इन सब सब्जियों को कच्चा या जूस बना कर ही सेवन करना है, इनको सब्जी की तरह पकाना नहीं है। जैसा प्रकृति ने दिया है वैसा ही इस्तेमाल करना है।

*(2)* -- *फल –* सेब, खुबानी, ऐवोकैडो, केले, जामुन, चेरी, खजूर, अंजीर, अंगूर, अमरुद, नींबू, आम, जैतून, नारंगी, संतरा, पपीता, आड़ू, नाशपाती, अनानास, अनार, खरबूजे, किशमिश, इमली, टमाटर इत्यादि फल।

*(3)* -- इसके अलावा तुलसी, सेंधा नमक, अजवायन, दालचीनी, बाजरा इत्यादि।

*मुख्य बात --:* आज सभी घरों में कंपनियों का पैकेट वाला आयोडीन सफेद नमक प्रयोग हो रहा है, ये धीमा ज़हर है, यह अम्लीय(acidic) होता है और इसमें सामान्य से आयोडीन की अधिक मात्रा भी होती है, जो अत्यंत घातक है शरीर के लिए।  इस नमक से हृदय रोग, थाइरोइड, कैंसर, लकवा, नपुंसकता, मोटापा, एसिडिटी, मधुमेह, किडनी रोग, लिवर रोग,बाल झड़ना, दृष्टि कम होना जैसे अनेको रोग काम आयु से बड़े आयु तक के सभी घर के सदस्यों को हो रहे हैं। जो पैकेट नमक के प्रयोग से पूर्व कभी नही होते थे। इसलिए आयोडीन की कमी का झूठ फैलाकर बीमारी का सामान हर घर तक पहुंचाया गया, जिसने दवाइयों के कारोबार को अरबो, खरबो का लाभ पहुंचाया है।
इसके विकल्प के रूप में आज से ही *सेंधा नमक* का प्रयोग शुरू कर दीजिए। यह पूरी तरह से प्राकृतिक और क्षारीय (Alkaline) होता है और आयोडीन भी सामान्य मात्रा में होता है। अन्यथा आपके सारे उपचार असफल सिद्ध होते रहेंगे, क्योंकि हर भोजन को सफेद नमक ज़हरीला बना देगा, चाहे कितनी अच्छी सब्जी क्यों न बनाएं |

1 लौकी जिसे दूधी भी कहा जाता हैं का जूस एक गिलास इसमें 5-5 पत्ते तुलसी और पोदीने के डालिए इसमें सेंधा नमक या काला नमक डाल कर पियें।

👁‍🗨 *ध्यान रहे* --- कि इनको सुबह खाली पेट ही पीना है, अर्थात इनसे पहले कुछ भी खाना पीना नहीं है और इनको पीने के बाद एक घंटे तक कुछ भी खाना पीना नहीं है।

*सावधानी---* चाय, कॉफ़ी, चीनी , पैकेट वाला सफेद नमक ये सब ज़हर के समान है, अगर आप किसी रोग से ग्रस्त हैं तो सबसे पहले आपको इनको छोड़ना होगा, और इसके साथ ऊपर बताये गए फल सब्जियां कच्चे ही सेवन करें


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*खाली पेट क्‍यों खाना चाहिए लहसुन? ये हैं  कारण*

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किसी न किसी रूप में लहसुन को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए. लेकिन सुबह-सवेरे खाली पेट लहसुन खाने से आपको सबसे ज्‍यादा फायदा होगा.

खाली पेट लहसुन खाने से सबसे ज्‍यादा फायदा होता है
लहसुन खाने से दिल, श्‍वास और पेट की बीमार‍ियां नहीं होती हैं
लहसुन डाइजेशन को ठीक कर पेट की सफाई करता है
आमतौर पर हम लहसुन का इस्‍तेमाल खाने में तड़का लगाने या ग्रेवी बनाने के लिए करते हैं. लहसुन किसी भी बेजान सब्‍जी के स्‍वाद को जानदार बना देता है. लेकिन लहसुन में ऐसे गुणकारी तत्‍व मौजूद होते हैं जो आपको कई बीमारियों से दूर रखते हैं. लहसुन एक वंडर फूड है. आयुर्वेद में तो लहसुन को औषध‍ि माना गया है. हालांकि आपको किसी न किसी रूप में लहसुन को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए. लेकिन सुबह-सवेरे खाली पेट लहसुन खाने से आपको सबसे ज्‍यादा फायदा होगा. यहां पर हम आपको इन्‍हीं फायदों के बारे में बता रहे हैं:

1. दिल रहेगा सेहतमंद
लहसुन दिल से संबंधित समस्याओं को भी दूर करता है. लहसुन खाने से खून का जमाव नहीं होता है और हार्ट अटैक होने का खतरा कम हो जाता है. लहसुन और शहद के मिश्रण को खाने से दिल तक जाने वाली धमनियों में जमा वसा निकल
जाता है, जिससे ब्‍लड सर्कुलेशन ठीक तरह दिल तक पहुंचता है.

2. हाई बीपी से छुटकारा
लहसुन खाने से हाई बीपी में आराम मिलता है. दरअसल, लहसुन ब्‍लड सर्कुलेशन को कंट्रोल करने में काफी मददगार है. हाई बीपी की समस्‍या से जूझ रहे लोगों को रोजाना लहसुन खाने की सलाह दी जाती है.

3. पेट की बीमारियां छूमंतर
पेट से जुड़ी बीमारियों जैसे डायरिया और कब्‍ज की रोकथाम में लहसुन बेहद उपयोगी है. पानी उबालकर उसमें लहसुन की कलियां डाल लें. खाली पेट इस पानी को पीने से डायरिया और कब्‍ज से आराम मिलेगा. यही नहीं लहसुन शरीर के अंदर
मौजूद जहरीलें पदार्थों को बाहर निकालने का काम भी करता है.

4. डाइजेशन होगा बेहतर
लहसुन में आपके डाइजेस्टिव सिस्‍टम को ठीक करने की ताकत होती है. खाली पेट लहसुन की कलियां चबाने से आपका डाइजेशन अच्‍छा रहता है और भूख भी खुलती है.


5. टेंशन से छुट्टी
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि लहसुन टेंशन को भगाने में भी मददगार है. कई बार हमारे पेट के अंदर ऐसे एसिड बनते हैं जिससे हमें घबराहट होने लगती है. लहसुन इस एसिड को बनने से रोकता है. लहसुन खाने से सिर दर्द और हाइपर
टेंशन में काफी आराम मिलता है.

6. दांत दर्द में मिलेगा आराम
लहसुन में एंटीबैक्‍टीरियल और दर्द निवारक गुण मौजूद होते हैं. अगर आपके दांत में दर्द है तो लहसुन की एक कली पीसकर दर्द वाली जगह पर लगा दें. कुछ ही देर में आपको दांत दर्द से आराम मिल जाएगा. यही नहीं खाली पेट लहसुन का
सेवन करने से नसों में झनझनाहट से भी आराम

नाश्ते से ठीक पहले थोड़ा लहसुन खाने से, आपके पेट में जीवाणु और विषाक्त पदार्थों को दूर करने में मदद मिलती है। यह एक बहुत ही मजबूत एंटीऑक्सिडेंट और एंटीबायोटिक के रूप में शरीर में कार्य करता है। यह आपके पेट के लिए एक प्राकृतिक और स्वस्थ फिल्टर के रूप में भी कार्य करता है। कई लोग फफूंद संक्रमण और मस्से के इलाज के लिए लहसुन को अपनी त्वचा पर लगाते हैं। लहसुन की एक छोटी सी मात्रा, संक्रमण और मस्से से लड़ने में मदद कर सकती है। इससे ये बिना दर्द के अपने आप ही गिर जायेंगे। कुछ लोग दांत दर्द से राहत पाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं।

लहसुन खाने के अनेक फायदे है। आयुर्वेद में तो लहसुन को औषधि माना गया है। कहा जाता है कि किसी न किसी रूप में लहसुन को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। लेकिन सुबह-सवेरे खाली पेट लहसुन खाने के बहुत फायदे होते है। आइए जानते हैं।

सर्दी-खांसी में राहत
लहसुन खाने से सर्दी-जुकाम, खांसी, अस्‍थमा, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस के इलाज में फायदा है।

*खाली पेट लहसुन खाने का तरीका*

*सामग्री*

12 लहसुन की कली,
1 कप शहद (335 ग्राम),
एक कांच का जार, ढक्कन के साथ।

*बनाने की विधि*

लहसुन की कली को तोड़कर मैश कर लें।
जार में शहद डालें।
अब इसमें लहसुन को मिलाएं।
इसके बाद जार को बंद करें और इसे एक सप्ताह के लिए एक अंधेरी जगह पर रख दें।
इसके बाद आप रोजाना एक स्पून खाली पेट लहसुन और शहद के मिश्रण का सेवन कर सकते हैं।

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