Monday, May 7, 2018

जामुन को अमृत कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी

जामुन को अमृत कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। इस साधारण दिखने वाले फल में प्रकृती ने जल,कार्बोहाइड्रेट,प्रोटीन,खनिज लवण,वसा,कैल्शियम, लोहा,विटामिन A B C,गैलिक एसिड व 83% कैलोरी व इसके गुठली में जम्बोलिन नामक गुलकोसाइट  पदार्थ पाया जाता है जो शरीर के स्टार्च को शक्कर में परिवर्तित करता है इस लिये ये मधुमेह रोगियों हेतु अमृतुल्य है।

जामुन हमेशा खाना खाने के बाद व इसके खाने के तुरंत बाद दूध नही पीना चाहिए।

इसके गुठली के चूर्ण के सेवन से मधुमेह रोगियों के मूत्र से निकलने वाली शक्कर की मात्रा को हमेशा के लिये कम कर देती है।

जामुन के सेवन से एनीमिया, पीलिया,लिवर की बिगड़ी हुई क्रिया,व पाचनतंत्र को ठीक करती है।

यह फल निम्न रोगों के लिये उपयोग करें

बहुमूत्रता:- जामुन की गुठली के चूर्ण को 1 1 ग्राम पानी के साथ सेवन करने से

मधुमेह:- जामुन को खाने से, व जामुन की गुठली पाउडर, मेथी,बेलपत्र,निम्बबोली,व करेले के पाउडर को सुबह शाम भोजन के 1 घण्टे पहले या बाद में एक एक चम्मच गर्म पानी के साथ सेवन करने से

जामुन के नई पत्ति 30 ग्राम को 5 काली मिर्च के साथ पीस कर सुबह शाम पीने से

जामुन के 4 5 पत्ते सुबह खाली पेट चबाने से

12 ग्राम जामुन की गुठली 1 ग्राम अफीम को पीस कर 32 गोलियां बनाकर 2 2 गोली सुबह शाम खाने से

वमन:- छाल को जला कर इसकी राख शहद के साथ सेवन करने से

दाँत दर्द,पायरिया,दाँतो की कमजोरी:-जामुन व कचनार की लकड़ी को जलाकर नमक फिटकिरी लौंग मिलाकर मंजन करने से

बुखार:- जामुन को सिरके में भिगोकर खाने से

गुदाभ्रंश:- जामुन पीपल बड़ बहेड़ा 20 20 ग्राम लेकर पानी मे उबाले व इससे मल द्वार को धोये

दस्त:- जामुन का रस पीने से
जामुन की गुठली का चूर्ण छाछ के साथ सेवन करना चाहिये
जामुन का रस बकरी के दूध के साथ
जामुन व आम के गुठली व भुनी हरड़ के चूर्ण को सेवन करने से
जामुन का सिरका  पीने से
जामुन का शर्बत पीने से
जामुन के रस में काला नमक व गुड़ मिलाकर पिने से
जामुन की पत्ती के रस में सेंधा नमक मिलाकर पीने से


मुँह के छाले:- जामुन के छाल के काढ़े से गरारे करने से
जामुन की पत्ती 50 ग्राम को पीस कर 300ml पानी में मिलाकर छानकर कुल्ला करने से
जामुन की पत्ती को चबाकर रस पीने से

गर्भवस्था में उल्टी:- जामुन व आम की छाल का काढ़ा में शहद मिलाकर पीने से

कान दर्द,कान बहना,कान के कीड़े:- जामुन व कैथ के पत्ते का रस व कपास के फल के रस में बराबर शहद मिलाकर डालने से,

जामुन व आम के पत्ते के रस में शहद मिलाकर डालने से

जामुन का तेल डालने से

मूत्ररोग :- जामुन खाने से या गुठली का चूर्ण सुबह शाम दही या जल के साथ सेवन से पथरी व मुत्र में धातु का आना नष्ट होता है। दही का सेवन रात को न करें।

पथरी:-जामुन खाने से, गुठली का चूर्ण दही या पानी के साथ सेवन करने से

घाव:- जामुन की छाल के काढ़े से धोना चाहिए

खूनी अतिसार:- पत्तो का रस सुबह शाम या गुठली को पानी मे पीसकर सुबह शाम

बवासीर:- जामुन व आम की गुठली के अंदर भाग का चूर्ण सुबह शाम छाछ या पानी के साथ

पत्तो का रस 20 ग्राम भूरा मिलाकर सुबह शाम

छाल का रस शहद के साथ सुबह शाम

पेड़ की जड़ का छाल का रस शहद के साथ सुबह शाम खूनी बवासीर हेतु

पेचिश:- 10 ग्राम जामुन का रस दिन में 3 बार

प्रदर रोग:- पत्तो का रस या छाल का चूर्ण दूध के साथ सुबह शाम

अपच:- एक चमच्च जामुन का सिरका पानी के साथ

जिगर का रोग:- 5ग्राम जामुन के पत्ते का रस पीने से या आधा चम्मच जामुन के सिरके को पानी मे मिलाकर पीने से या पक्के हुए जामुन खाने से

अम्लपित्त:- एक चमच्च जामुन का रस गुड़ के साथ सेवन करने से

यकृत का बढ़ना:- 5 ग्राम जामुन के पत्ते का रस पीने से या आधा चम्मच जामुन के सिरके को पानी मे मिलाकर पीने से

अधिक प्यास:- जामुन के पत्ते का रस पीने से, जामुन का फल खाने से या जामुन के सूखे पत्ते का काढ़ा पीने से

योनि का संकुचन:- जामुन की जड़ की छाल लोध्र व धाय के फूल को शहद के साथ मिलाकर मालिश करने से

पेट दर्द:- जामून का रस 10 ग्राम 50 ग्राम सिरका मिलाकर पीने से

जामुन में सेंधा नमक या काला नमक मिलाकर खाने से

बिस्तर पर पेशाब :- गुठली चूर्ण 2 2 ग्राम सुबह शाम पानी के साथ

त्वचा रोग:- गुठली को पीसकर लगाएं

पीलिया:- जामुन के रस में सेंधानमक मिलकर काँच की बोतल में 40 दिन बन्द कर रख दे इसका सेवन पिलाया रोग में सुबह शाम करें

फोड़े फुंसी:- गुठली को घिसकर लगाए

बच्चो का अतिसार व रक्तातिसार:- जामुन के छाल का रस 10 से 20 ग्राम बकरी के दूध के साथ सुबह शाम

बच्चो की हिचकी:- जामुन के रस में घी व शहद असमान मात्रा में मिलाकर चाटने से

आवाज बैठना:- गुठली के चूर्ण को दिन में 4 बार शहद के साथ

गले की सूजन:- गुठली के चूर्ण को सुबह शाम शहद के साथ

बिच्छू के दंश पर :- इसके पत्ते के रस को लगाने से

रक्तितिसार:- जामुन के रस में गुलाब का रस मिलाकर पीने से  या इसके पत्ते के रस में शहद दूध व घी मिलाकर (शहद व घी बराबर मात्रा में नही हो) या इसके छाल को दूध में पीसकर शहद के साथ पीने से

पित:- 10 ग्राम जामुन के रस व 10 ग्राम गुड़ को आग पर तपाये व इसके भाप को ले

गर्मी की फुंसियां:- गुठली को पीसकर लगाने से

गर्भावस्था मे दस्त:- जामुन खाने से या इसके छाल के काढ़े में 10 10 ग्राम धान व जौ का आटा मिलाकर चाटने से

मुह के रोग:- इसके दातुन करने व इसके छाल को उबालकर ठंडा कर कुल्ला करने से साथ ही गुठली चूर्ण एक ग्राम सादे पानी के साथ 4 4 घण्टे पर 2 से 3 में आराम मिलना शुरू हो जाएगा

वीर्यवर्धक:- गुठली का चूर्ण सुबह शाम गर्म दूध के साथ इससे नपुंसकता भी दूर होती है

हैजा:- 5 ग्राम जामुन के सिरके में 20 ग्राम पानी मिलाकर 1 1 घण्टे पर

मुँहासे:- गुठली को पानी मे घिसकर लगाए

पसीना ज्यादा आना:- इसके पत्ते को पानी मे उबाल कर नहाने से

जलना:- इसके छाल को नारियल तेल में पीसकर लेपन से

पैरो के छाले :- गुठली को पानी के साथ घिसकर लेपन से

स्वप्नदोषव:-गुठली का चूर्ण सुबह शाम सादे पानी के साथ

वीर्य का पतलापन :- गुठली का चूर्ण 5 ग्राम शाम को गर्म दूध के साथ

जामुन के अत्यधिक सेवन नुकसान
बुखार,गैस,सीने के दर्द, कफ वृद्धि व वात विकार के रोग उपत्न होते हैं।

इसके दोष से बचने हेतु कालीमिर्च,कालानमक व सौठ चूर्ण छिड़ककर खाना चाहिए या इसके बाद आम खाना चाहिए इससे इसके दोष शांत रहते हैं।

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