Saturday, March 16, 2019

Motivational Stories_ Respect. Parents And Trust God

शादी की सुहागसेज पर बैठी एक स्त्री का पति जब भोजनका थाल लेकर अंदर आया तो पूरा कमरा उस स्वादिष्ट भोजन की खुशबू से भर गया रोमांचित उस स्त्री ने अपने पति से निवेदन किया कि मांजी को भी यहीं बुला लेते तो हम तीनों साथ बैठकर भोजन करते। पति ने कहा छोड़ो उन्हें वो खाकर सो गई होंगी आओ हम साथ में भोजन करते है प्यार से, उस स्त्री ने पुनः अपने पति से कहा कि नहीं मैंने उन्हें खाते हुए नहीं देखा है, तो पति ने जवाब दिया कि क्यों तुम जिद कर रही हो शादी के कार्यों से थक गयी होंगी इसलिए सो गई होंगी, नींद टूटेगी तो खुद भोजन कर लेंगी। तुम आओ हम प्यार से खाना खाते हैं। उस स्त्री ने तुरंत divorce लेने का फैसला कर लिया
 और divorce
लेकर उसने दूसरी शादी कर ली और इधर उसके पहले पति ने भी दूसरी शादी कर ली। दोनों अलग- अलग सुखी घर गृहस्ती बसा कर खुशी खुशी
रहने लगे।
इधर उस स्त्री के दो बच्चे हुए जो बहुत ही सुशील और आज्ञाकारी थे। जब वह स्त्री ६० वर्ष की हुई तो वह बेटों को बोली में चारो धाम की यात्रा करना चाहती हूँ ताकि तुम्हारे सुखमय जीवन के लिए प्रार्थना कर सकूँ। बेटे तुरंत अपनी माँ को लेकर चारों धाम की यात्रा पर निकल गये। एक जगह तीनों माँ बेटे भोजन के लिए रुके और बेटे भोजन परोस कर मां से खाने
की विनती करने लगे। उसी समय उस स्त्री की नजर सामने एक फटेहाल, भूखे और गंदे से एक वृद्ध पुरुष पर पड़ी जो इस स्त्री के भोजन और बेटों की तरफ बहुत ही कातर नजर से देख रहा था। उस स्त्री को उस पर दया आ गईं और बेटों को बोली जाओ पहले उस वृद्ध को नहलाओ और उसे वस्त्र दो फिर हम सब मिलकर भोजन करेंगे। बेटे जब उस वृद्ध को नहलाकर कपड़े पहनाकर उसे उस स्त्री के सामने लाये तो वह स्त्री
आश्चर्यचकित रह गयी वह वृद्ध वही था जिससे उसने शादी की पहले दिन  ही divorce ले लिया था। उसने उससे पूछा कि क्या हो गया जो तुम्हारी हालत इतनी दयनीय हो गई तो उस वृद्ध ने नजर झुका के कहा कि
सब कुछ होते ही मेरे बच्चे मुझे भोजन नहीं देते थे, मेरा
तिरस्कार करते थे, मुझे घर से बाहर निकाल दिया। उस स्त्री ने उस वृद्ध से कहा कि इस बात का अंदाजा तो मुझे
तुम्हारे साथ पहले दिन  ही लग गया था जब तुमने पहले अपनी बूढ़ी माँ को भोजन कराने के बजाय उस स्वादिष्ट भोजन की थाल लेकर मेरेकमरे में आ गए और मेरे बार-बार कहने के बावजूद भी आप ने अपनी माँ का तिरस्कार किया। उसी का फल आज आप भोग रहे हैं।

जैसा व्यहवार हम अपने
बुजुर्गों के साथ करेंगे उसी
देखा-देख कर हमारे बच्चों
में भी यह गुण आता है कि
शायद यही परंपरा होती है।
सदैव माँ बाप की सेवा ही
हमारा दायित्व बनता है।
जिस घर में माँ बाप हँसते है,
वहीं प्रभु बसते है।
    !!जय श्री कृष्णा!!
🙏🙏

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विश्वास*
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एक आदमी जब भी दफ्तर से वापस आता, तो कुत्ते के प्यारे से पिल्ले रोज उसके पास आकर उसे घेर लेते थे क्योंकि वो रोज उन्हें बिस्कुट देता था।

कभी 4 कभी 5 कभी 6 पिल्ले रोज आते और वो रोज उन्हें पारलें बिस्कुट या ब्रेड खिलता था।
एक रात जब वो दफ़्तर से वापस आया तो पिल्लों ने उसे घेर लिया लेकिन उसने देखा कि घर मे बिस्कुट ओर ब्रेड दोनो खत्म हो गए है।

रात भी काफी हो गई थी, इस वक़्त दुकान का खुला होना भी मुश्किल था, सभी पिल्ले बिसकिट् का इंतज़ार करने लगे।
उसने सोचा कोई बात नही कल खिला दूंगा, ओर ये सोचकर उसने घर का दरवाजा बंद कर लिया, पिल्ले अभी भी बाहर उसका इंतजार कर रहे थे। ये देखकर उसका मन विचलित हो गया, तभी उसे याद आया की घर मे मेहमान आये थे, जिनके लिए वो काजू बादाम वाले बिस्किट लाया था।
उसने फटाफट डब्बा खोला तो उसमें सिर्फ 7-8 बिसकिट्स थे,

उसके मन मे खयाल आया कि इतने से तो कुछ नही होगा, एक का भी पेट नही भरेगा, पर सोचा कि चलो सब को एक एक दे दूंगा, तो ये चले जायेंगे।
उन बिस्किट को लेकर जब वो बाहर आया तो देखा कि सारे पिल्ले जा चुके थे, सिर्फ एक पिल्ला उसके इंतज़ार में अभी भी इस विश्वास के साथ बैठा था कि कुछ तो जरूर मिलेगा।
उसे बड़ा आस्चर्य हुआ।
उसने वो सारे बिस्किट उस एक पिल्ले के सामने डाल दिये।
वो पिल्ला बड़ी खुशी के साथ वो सब बिस्किट खा गया और फिर चला गया।

बाद में उस आदमी ने सोचा कि हम मनुष्यों के साथ भी तो यही होता है, जबतक ईश्वर हमे देता रहता है, तबतक हम खुश रहते है उसकी भक्ति करते है उसके फल का इंतज़ार करते है, लेकिन भगवान को जरा सी देर हुई नही की हम उसकी भक्ति पर संदेह करने लगते है, दूसरी तरफ जो उसपर विश्वास बनाये रखता है, उसे उसके विश्वास से ज्यादा मिलता है।
दोस्तों, इसलिये अपने प्रभु पर विश्वास बनाये रखे, अपने विश्वास को किसी भी परिस्थिति में डिगने ना दे, अगर देर हो रही है इसका मतलब है कि प्रभु आपके लिए कुछ अच्छा करने में लगे हुए है।
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*LAWS OF NATURE*

*The food we eat, has to be digested and then thrown out of body in 24 hours, else we will fall ill.*
*The water we drink, gets in our body and is thrown out in 4 hours, else we will fall ill.*
*The air we breathe, has to be thrown out in 1 minute, else we will die.*
*What about negative emotions like hatred, anger, jealousy, insecurity ...  we hold in our body for days, months and years.*
*If these negative emotions are not thrown out regularly it props up into psycho-somatic diseases.*
*Meditation, prayers and above all an attitude of goodwill are safest way to dissolve these emotions.*

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*जापान  में परीक्षा से पहले प्रिंसिपल ने बच्चों के पैरेंट्स को एक लेटर भेजा जिसका हिन्दी अनुवाद इस प्रकार है :-*

*डियर पैरेंट्स*
 मैं जानता हूं आप इसको लेकर बहुत बेचैन हैं कि आपके बच्चे *इम्तिहान में अच्छा प्रदर्शन करें*

लेकिन ध्यान रखें कि यह बच्चे जो इम्तिहान दे रहे हैं इनमें भविष्य के अच्छे *कलाकार* भी हैं जिन्हें गणित समझने की बिल्कुल जरूरत नहीं।

इनमें बड़ी बड़ी कंपनियों के *प्रतिनिधि* भी बैठे हैं, जिन्हें इंग्लिश लिटरेचर और इतिहास समझने की जरूरत नहीं है।

इन बच्चों में भविष्य के बड़े-बड़े *संगीतकार* भी हैं जिनकी नजर में केमिस्ट्री के कम अंकों का कोई महत्व नहीं।

इन सबका इनके भविष्य पर कोई असर नहीं पड़ने वाला इन बच्चों में भविष्य के *एथलीट्स* भी हैं जिनकी नजर में उनके मार्क्स से ज्यादा उन की फिटनेस जरूरी है।

लिहाजा अगर आपका बच्चा ज्यादा नंबर लाता है तो बहुत अच्छी बात है लेकिन अगर वह ज्यादा नंबर नहीं ला सका तो तो आप बच्चे से उसका *आत्मविश्वास और उसका स्वाभिमान ना छीन लें।*

अगर वह अच्छे नंबर ना ला सके तो आप उन्हें *हौसला दीजिएगा की कोई बात नहीं* यह एक छोटा सा इम्तिहान है।

*वह तो जिंदगी में इससे भी कुछ बड़ा करने के लिए बनाए गए हैं।*

अगर वह कम मार्क्स लाते हैं तो आप उन्हें बता दें कि आप फिर भी इनसे प्यार करते हैं और आप उन्हें उन के *कम अंको की वजह से जज नहीं करेंगें।*

ईश्वर के लिए ऐसा ही कीजिएगा और जब आप ऐसा करेंगे फिर देखिएगा कि आपका बच्चा *दुनिया भी जीत  लेगा।*

*एक इम्तिहान और कम नंबर आपके बच्चे से इसके सपने और इसका टैलेंट नहीं छीन सकते।*

*और हां प्लीज ऐसा मत सोचिएगा कि इस दुनिया में सिर्फ डॉक्टर और इंजीनियर ही खुश रहते हैं*
(यह सब तो क्लब 99 की रेस में लगे घोडे हैं)

 "अपने बच्चों को एक अच्छा इंसान बनने की शिक्षा दीजियेगा।

 केवल अंक ही बच्चों की योग्यता का मापदंड नही।

*कृपया इस संदेश को ज्यादा से ज्यादा माता पिता तक



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